राहुल गाँधी को हुई 2 साल की जेल क्या 2 साल की जेल होने पर लोकसभा सदस्यता रद्द होगी या नहीं जानिए

राहुल गाँधी को हुई 2 साल की जेल क्या 2 साल की जेल होने पर लोकसभा सदस्यता रद्द होगी या नहीं जानिए :हलाकि अदालत का कहना है की राहुल गांधी को जमानत भी दे दी और साथ ही राहुल गाँधी की सजा पर 30 दिन की रोक लगा दिए है , ताकि कांग्रेस के नेता उनके फैसले को ऊपर की अदालत में अपनी बात रख सके। अदालत ने कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी को भारतीय दंड संहिता की धाराओं में से धारा 499 और धारा 500 के तहत दोषी करार दिया है । इन धाराो में मानहानि और उससे जुड़ी सजा से हैं। अब सवाल ये उठ रहा हैं कि क्या दो साल जेल की सजा होने पर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होगी या नहीं
भारत देश के एक मसूर शहर सूरत (Surat) की एक अदालत ने “मोदी सरनेम” से जुड़े एक बयान को लेकर कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ पिछले कुछ साल पहले 2019 में दर्ज केश आपराधिक मानहानि (criminal defamation case) के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल जेल की सजा सुनाई। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी के वकील बाबू मंगुकिया ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जमानत भी दे दी और हलाकि राहुल गाँधी की सजा पर 30 दिन की रोक लगा दी, है ताकि कांग्रेस नेता राहुल गाँधी उसके फैसले को ऊपरी अदालत में अपनी बात रख सकें।
(अगर ऐसा होता है तो )दरअसल कानून के अनुसार, दो साल या उससे ज्यादा समय के लिए जेल की सजा होती है वह व्यक्ति को दोसी करार दिया जाता है ” अयोग्य घोषित किया जाएगा और वह सजा पूरी होने के बाद जनप्रतिनिधि बनने के लिए छह साल तक अयोग्य रहेगा, यानी 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएगा। ऐसा होता है तो राहुल गाँधी आने वाले आने वाले कुछ सालो तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे

भारत सरकार के लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, सन 1951 की धारा 8(3) के तहत तकनीकी रूप से राहुल गांधी को दो साल की सजा होने के बाद लोकसभा से अयोग्य ठहराती है,अगर कुछ समय तक राहुल गाँधी अपने विचार नहीं करते जब तक कि हाई कोर्ट की तरफ से सजा पर रोक नहीं लगाई जाती है।
फिलहाल राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बरकरार है, क्योंकि उन्हें दोषी ठहराने वाली भारत देश के मशहूर शहर सूरत की अदालत ने उनकी सजा 30 दिनों के लिए रोक कर रखी है। इसके चलते वह तत्काल अयोग्यता से बच गए हैं।
राहुल गाँधी ने फाड़ा था अध्यादेश
इससे पहले में आप को एक किस्सा बता ता चलु , क्योंकि शायद अगर राहुल गांधी ने करीब 9 साल पहले वो अध्यादेश नहीं फाड़ा होता, तो आज राहुल गाँधी को राहत मिल भी जाती। सुप्रीम कोर्ट ने उस मामले में फैसला सुनाया कि कम से कम दो साल के लिए दोषी ठहराए जाने पर सांसदों समेत सांसदों की सदस्यता तुरंत खत्म हो जाएगी। जिस से कांग्रेस के कोई भी नेता राहुल गाँधी समेत कोई भी नेता संसद सदस्य्ता नहीं रहे गे
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राहुल गांधी ने इस अध्यादेश को पूरी तरह से बकवास करार दिया था। हलाकि राहुल गाँधी ने भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “ये अध्यादेश पूरी तरह बकवास है, इसे फाड़ कर फेंक दिया जाना चाहिए।” इतना कहते ही राहुल ने उस अध्यादेश को फाड़ दिया था। जिस का नतीजा राहुल गाँधी को अब भुगत ना पढ़ा

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
हजारिका का कहना है की “एक सजा निलंबित का मतलब है कि राहुल गांधी को दोषी पाया गया है, लेकिन उनकी सजा तुरंत लागू नहीं होगी।” उन्होंने कहा, “ये 30 दिन राहुल गांधी के लिए बेहद अहम होंगे। अगर हाई कोर्ट सूरत जिला अदालत के आदेश पर रोक लगाती है या रद्द करती है, तो ही वह सांसद बने रह पाएंगे।”
हलाकि सुप्रीम कोर्ट के एक दूसरे वकील मुहम्मद खान का कहना कि राहुल गांधी और कांग्रेस की कानूनी टीम सूरत की अदालत के आदेश पर रोक लगाने में कोई समय बर्बाद नहीं करने जा रही है। ऐसे मामलों में अपीलीय अदालत हमेशा सत्र एक होती है, जिसका मतलब है कि राहुल गांधी खुद हाई कोर्ट में अपील नहीं कर सकते।
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क्या था राहुल गाँधी का मामला?
अदालत ने ये फैसला सुनाया तब राहुल गाँधी अदालत में मौजूद थे। राहुल गाँधी के खिलाफ ये मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था, जिस से राहुल गाँधी को कथित तौर पर कहा था, “सभी चोरों का सरनेम मोदी ही कैसे है?” राहुल गांधी के इस बयान के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी।
भारत देश के गुजरात की हाई कोर्ट नेराहुल गांधी की व्यक्तिगत उपस्थिति का अनुरोध करने वाली शिकायतकर्ता की याचिका पर लगाई गई रोक हटा ली थी, जिसके बाद पिछले महीने इस मामले में आखिरी बहस दोबारा शुरू हुईं। जिस से आज राहुल गाँधी को दो साल की सजा सुनाई गई

राहुल गाँधी हमेशा सच का साथ देंगे
वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे मामले पर कहा कि वह कानून में विश्वास करती है और ये लड़ाई कानून के तहत ही लड़ी जाएगी और उसके पूर्व अध्यक्ष बिना डरे सच बोलते रहेंगे।
सूरत की अदालत की तरफ से सुनाई गई सजा के बाद राहुल गांधी ने महात्मा गांधी के एक कथन का हवाला देते हुए ट्वीट किया, “मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।”
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद भवन में मीडिया से कहा, “हमको पहले से अंदाजा लग रहा था, लेकिन हम कानून और न्यायपालिका में विश्वास रखने वाले हैं और कानून के तहत लड़ेंगे।”
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