जबलपुर जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी लापरवाह : न्यायालय एक प्रकरण में उप सचिव ने कहा क्यों न निलंबित कर दिया जाए

जबलपुर। जबलपुर जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी की कार्यप्रणाली को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग के उपसचिव ओएल मंडलोई ने कड़ी नाराजगी दिखाई है। उपसचिव ने एक पत्र भेजकर जिला शिक्षा अधिकारी से दो टूक कहा कि आप लापरवाह है इसकी वजह से विभाग की छवि धूमिल हुई है, क्यों न आपको निलंबित कर दिया जाए। दरअसल पूरा मामला पाटन के शासकीय प्राथमिक शाला कटरा बेलखेड़ा में पदस्थ शिक्षक राजेंद्र लाडिया से जुड़ा है। एक प्रकरण में शिक्षक को जिला शिक्षा अधिकारी निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद शिक्षक ने न्यायालय में एक याचिका दायर कर निलंबन को चुनौती दी। शिक्षक द्वारा दी गई चुनौती का जवाब कोर्ट में ठीक ढंग से जिला शिक्षा अधिकारी और स्कूल शिक्षा विभाग पेश नहीं कर पाया।
उपसचिव ने जिला शिक्षा अधिकारी को भेजे पत्र में कहा कि राजेन्द्र लाडिया प्राथमिक शिक्षक पद पर शास प्राथमिक शाला कटरा, बेलखेडा संकुल शास. उ.मा.वि पाटन, जबलपुर में पदस्थ थे। उनके विरुद्ध जमीन संबंधी विवाद में मारपीट के आरोप पर अपराध प्रकरण दर्ज होने के कारण विभागीय जाँच प्रस्तावित की गई एवं नियमानुसार कार्यवाही करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर के आदेश 28.दिसंबर 2019 को शिक्षक राजेन्द्र लाडिया को निलंबित किया गया। उक्त आदेश विरुद्ध श्री लाडिया द्वारा मानमप्र उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष डब्ल्यूपी क. 7788 / 2022 दायर किया गया जिसमे संचालनालय लोक शिक्षण द्वारा आपको आदेश क / विधि /जे / डब्ल्यू. पी. / 7788 / जबलपर / 138/2022 / 1498 / भोपाल दिनांक अनुसार प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया। 11.अप्रैल 2022 सुनवाई दिनांक 17/04/2023 को माननीय न्यायालय द्वारा निर्देशित किया गया था कि यदि जवाबदावा प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो जवाबदावा प्रस्तुत करने का अधिकार छीन लिया जायेगा किन्तु आपके द्वारा उक्त प्रकरण में उचित कार्यवाही न करते हुए जवाबदावा भी प्रस्तुत नहीं
किया गया।सुनवाई दिनांक 13/07/2023 को माननीय म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा जबाबदावा प्रस्तुत न होने के कारण प्रकरण में नामित तीनों प्रतिवादियों पर रु. 5000/- प्रत्येक पर आर्थिक दण्ड अधिरोपित किया गया है। आगामी सुनवाई दिनांक 24.07-2023 नियत है जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी पाटन जिला जबलपुर की व्यक्तिगत उपस्थिति आदेशित कर प्रतिवादियों की कॉस्ट की राशि रु. 5000/- प्रति नामित की जमा कर रसीद सहित उपस्थित होने हेतु आदेशित किया गया है।
लापरवाही से 5 हजार का जुर्माना देना पड़ेगा
उपसचिव ने कहा कि प्रकरण में आपके द्वारा अत्याधिक लापरवाही एवं उदासीनता प्रदर्शित की गई जिसके कारण माननीय न्यायालय द्वारा प्रमुख सचिव महोदया के विरुद्ध व्यक्तिगत खाते में रु. 5000/- की कॉस्ट का आदेश पारित किया गया है। प्रकरण में आपके द्वारा शासकीय अधिवक्ता से संपर्क न कर प्रकरण की वस्तु स्थिति से माननीय न्यायालय को भी अवगत नहीं कराया गया आपका उक्त कृत्य अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है इस हेतु आप व्यक्तिश: पूर्णत: उत्तरदायी है। अत: म.प्र. सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के नियम-16 के अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाता है, क्यों न आपकी म.प्र. सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 10 (4) के अंतर्गत दो वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकने की शास्ति अधिरोपित की जाये ? अत: उपरोक्त के संबंध में अपना प्रतिवाद अधोहस्ताक्षरकर्ता को 07 दिवस की समयावधि में प्रस्तुत करें, निश्चित समयावधि में प्रतिवाद प्राप्त न होने की दशा में एक पक्षीय कार्यवाही कर दण्ड अधिरोपित किया जावेगा।