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चाय के शौकीन अमजद खान सेट पर ले आए भैंस:पत्नी की डिलीवरी के नहीं थे पैसे, 40 टेक में बोल पाए ‘कितने आदमी थे’

Amjad Khan, fond of tea, brought buffalo on the set: there was no money for the delivery of his wife, he could say 'Kitne aadmi the' in 40 takes

तारीख- 27 जुलाई 1992

दिन- सोमवार

जगह- मुंबई

शाम का वक्त था। अमजद खान की पत्नी शेहला खान ने बेटे शादाब खान से कहा कि वो अमजद खान को उठा दे क्योंकि वो बहुत देर से सो रहे थे। जब शादाब उन्हें जगाने गए तब उनकी बॉडी बर्फ की तरह ठंडी थी। ये देख वो घबरा गए और तुरंत नजदीकी डॉक्टर को बुलाने चले गए।

डॉक्टर आए और उन्होंने बताया कि अमजद खान को हार्ट अटैक आया है। इसके बाद उन्होंने तुरंत ही एंड्रेलिन नाम का इंजेक्शन लाने को कहा। डॉक्टर के कहते ही शादाब घर से इंजेक्शन लेने निकल पड़े। वो इंजेक्शन आसानी से मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध नहीं रहता था। उम्मीद लिए वो फिर भी पागलों की तरह दुकान-दुकान इंजेक्शन के बारे में पूछ रहे थे। आखिरकार लंबी-दौड़ भाग के बाद उन्हें आशा पारेख हॉस्पिटल के बगल के एक मेडिकल स्टोर में ये इंजेक्शन मिला।

वो इंजेक्शन लेकर घर आए और डॉक्टर को दे दिया। वो डॉक्टर से राहत भरे जवाब का इंतजार कर रहे थे, लेकिन डॉक्टर ने उनकी सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। उन्होंने शादाब से कहा- अब बहुत देर हो चुकी है। आपके पिता अब नहीं रहे।

शादाब के पैरों तले जमीन खिसक गई। ये बात सुनकर वो गुस्से में इतना तिलमिला गए कि उन्होंने डॉक्टर को ही मार दिया। क्रॉकरी तोड़ दी और तेज मुक्का दीवार में मार दिया, जिस वजह से उनके हाथ में चोट लग गई, जिसे ठीक होने में भी काफी वक्त लगा।

पिता के चले जाने का गहरा सदमा छोटे बेटे को भी लगा। कई दिनों तक वो बहुत बीमार रहा, फिर उसे अस्थमा का अटैक आ गया। अमजद खान के जाने से उनके परिवार पर आर्थिक संकट भी गहरा गया था, लेकिन उनकी पत्नी शेहला ने हिम्मत दिखाई। परिवार की खातिर उन्होंने दुखों को दबाए रखा और कंस्ट्रक्शन बिजनेस में उतरकर परिवार का सहारा बनीं।

अमजद खान की लाइफ कई ट्रेजडी से भरी रही। 30 के दशक के टॉप मोस्ट एक्टर जयंत जकारिया खान के बेटे होने के बावजूद उन्हें इंडस्ट्री में खुद की पहचान बनाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा।

30 के दशक के फेमस एक्टर के बेटे थे अमजद
अमजद खान का जन्म 12 नवंबर 1940 को पेशावर में एक्टर जयंत के घर हुआ था। पेशावर अब पाकिस्तान का हिस्सा है। 1947 के भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद उनका पूरा परिवार मुंबई शिफ्ट हो गया। अमजद खान की स्कूलिंग बांद्रा के सेंट एड्रिव हाई स्कूल से हुई और R.D कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया।

उस वक्त उनके पिता जयंत फिल्म इंडस्ट्री के नामी एक्टर थे। पिता की एक्टिंग स्किल्स से अमजद खान को भी एक्टर बनने की प्रेरणा मिली। वो अक्सर कहते थे कि उन्हें किसी एक्टिंग क्लास की जरूरत नहीं। उन्होंने एक्टिंग के सारे गुण अपने पिता से ही सीखे। एक्टिंग के लिए उनकी मां भी उन्हें प्रेरित किया करती थीं।

11 साल की उम्र से ही उन्होंने फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करना शुरू कर दिया था। फिल्म का नाम था नाजनीन। इस फिल्म में उन्होंने अपने पिता के साथ स्क्रीन शेयर किया था। फिर उन्होंने राज कपूर की बनाई हुई फिल्म ‘दिल्ली दूर नहीं है’ में काम किया। फिल्म में उनके अपोजिट उस वक्त के बेहतरीन एक्टर मोतीलाल थे। इसके बाद तो अमजद खान का फिल्मों के लिए प्यार और बढ़ता गया।

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